बिहार में पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर ,जोगबनी , मुंगेर, रक्सौल, पूर्णिया, गोपालगंज, बिहटा एयरपोर्ट मौजूद है। इनमे से भी केवल 3 ऐसे जिलें है जहां के एयरपोर्ट चालू स्थिति में पाए जाते है। वो 3 एयरपोर्ट, राजधानी पटना, दूसरा गया और तीसरा दरभंगा के हैं। ऐसे में आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एक-दो साल के अंदर पटना एयरपोर्ट की सुविधाएं बढ़ा दी जाएंगी। साथ ही बिहार के कुछ और जिलों में एयरपोर्ट बनंगे जो बिहार को अपने पड़ोसी राज्यों से जोड़ेगी।
केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना के तहत बिहार को दरभंगा एयरपोर्ट का तौफ़ा मिला था। जहां पिछले 10 महीनो से अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई के लिए उड़ानें उपलब्ध कराई गई है। दरभंगा एयरपोर्ट पिछले साल 2020 में ही बन कर तैयार हुआ था। जिसके बाद वहां कि पहली उड़ान 8 नवम्बर 2020 को भरी गई थी। और अब सितम्बर 2021 के शुरुवात में ही दरभंगा एयरपोर्ट, प्रति दिन उड़ान भरने के मामले में राजधानी पटना के जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट को भी पीछे छोड़ दिया है। जी हां! जानकारी अनुसार, जहां पटना एयरपोर्ट से प्रति दिन 110 से 125 यात्रियां प्लेन की बुकिंग करवाते है तो वहीं दरभंगा एयरपोर्ट से न्यूनतम 150 यात्रियां बुकिंग करा रहे है।
गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाल ही में एक पत्र लिखा था। पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत बिहार के वैसे एयरपोर्ट जहां लम्बे वक़्त से प्लेन उड़ान नहीं हो रहे है, उन सभी एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए एयरपोर्ट के विस्तार एवं कुछ नए एयरपोर्ट्स भी बनाने कि विचार-योजना पेश की है। साथ ही उड्डयन मंत्री ने पटना, गया, दरभंगा के अलावा अब मुझफ्फरपुर, रक्सौल एवं पूर्णिया को भी जल्द घरेलू उड़ान सेवा शुरू करने की मंजूरी दी जाए इसकी मांग राखी है।
बता दें कि पटना का जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट भारत का 14वां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। लेकिन यहां से अभी तक अंतरराष्ट्रीय उड़ाने नहीं भरे जाते है। मगर अब दरभंगा की बड़ी उपलब्धता को देख, पटना के जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट भी अब अपने प्रणाली पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की कवायद फिर से तेज कर दी है। ऐसे में चिड़ियाघर कि 13 एकड़ ज़मीन लेने की बात सामने आ रही है। ज़मीन मिलने के बाद से पटना एयरपोर्ट के रनवे कि लम्बाई और बढ़ेगी जिससे बड़ी व अंतराष्ट्रीय विमानों को उड़ान भरने में आसानी होगी। पटना एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सरकार से अतिरिक्त ज़मीन भी मांगी है। ऐसे में लगता है कि पटना एयरपोर्ट को भी रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ का फायदा मिल सकता है।