वैसे तो हमने बहुत सुना है की राजनेता सरकारी योजनाओ के नाम पर घोटाला करके करोड़ो रूपये हड़प जाते हैं लेकिन आज के ज़माने में सरकारी पेंशन के नाम पर राज्य सरकारें दागी नेताओं को लाखों रूपये पेंशन देती हैं। ऐसे ही कुछ आंकड़े बिहार से सामने आएं हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने सुचना के अधिकार के तहत विधायकों को दी जाने वाली पेंशन की जानकारी मांगी थी। जब जवाब मिला तो कई चौका देने वाले तथ्य सामने आए। जानकारी में सामने आया की बिहार में वर्त्तमान में ऐसे 991 पूर्व विधायक हैं जिनकी पेंशन पर नीतीश सरकार हर महीने 4,94,44,000 रुपये खर्च करती है।
सरकार द्वारा ऐसे-ऐसे पूर्व विधायकों को पेंशन दी जाती है जोकि दागी हैं। पेंशन पाने वालों में चारा घोटाले में सज़ा काट रहे लालू प्रसाद यादव, मर्डर केस में सजा काट रहे पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, दुष्कर्म केस में जेल में बंद राजवल्लभ यादव, आनंद मोहन और विजय कृष्ण के नाम शामिल हैं। इनमें से कई ऐसे दागी हैं जिनपर आरोप तय हो चुके है।
बिहार में विधायक और विधान पार्षद को हर महीने पेंशन के तौर पर 35,000 हज़ार रूपये मिलते हैं। इसके लिए एक साल तक विधायक रहना ज़रूरी है। पेंशन की इस राशि में हर साल तीन-तीन हजार रुपए की बढ़ोतरी होती रहती है। इसका मतलब यह है कि जो अधिक समय तक विधायक रहेगा उसकी पेंशन राशि भी ज्यादा होगी।