पटना का दिल कहे जाने वाले गाँधी मैदान में रावण दहन की तैयारी जोरो-शोरो से हो रही है। भव्य तरीके से आयोजित होने वाले इस रावण दहन में इस साल प्रदूषण का ख्याल रखा जा रहा है। इस बार ईको फ्रेंडली रावण दहन किया जाएगा। इस साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ, तीनों के पुतलों में पहली बार प्लास्टिक पेंट किया गया है। इस पेंट की खासियत है कि बारिश होने पर भी कलर खराब नहीं होगा।
इस साल रावण का पुतला 70 फीट, कुंभकर्ण 65 फीट और मेघनाथ का पुतला 60 फीट का होगा। इसमें 7 तरह के कलर, 550 पीस खड़ा कच्चा बांस, 250 किलो पेपर, 100 किलो रस्सी, 1200 मीटर राजस्थानी कपड़ा, 1200 मीटर जूट, 200 सीट फैंसी पेपर और दो लाख के ईको फ्रेंडली पटाखे का उपयोग किया जा रहा है। इस बार रावण दहन के लिए 15 लाख रुपए का बजट रखा गया है। इन पुतलों को बनाने में 16 कलाकार पिछले 25 दिनों से काम कर रहे हैं।
श्री दशहरा कमेटी ट्रस्ट का दावा है कि 5 अक्टूबर विजयादशमी को गांधी मैदान में ऐतिहासिक रावण दहन होगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल नोपानी ने यह बताया कि रावण वध समारोह में इस बार स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जा रहा है। । इस बार रामलीला के लिए बिहार आर्ट थियेटर के कलाकार अपने कला का प्रदर्शन करेंगे। पटना के गांधी मैदान में 1954 से लगातार रावण दहन का कार्यक्रम होता आ रहा है। हालाँकि, पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण यह कार्यक्रम नहीं हो पाया था।