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इमरजेंसी डायल 112 की जिम्मेदारी के लिए 86 तेज-तर्रार महिला सिपाही का हुआ चयन

बिहार में आपात स्थिति के लिए एक फोन नंबर का सपना जल्‍द ही पूरा होने वाला है। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। आपातकालीन सेवा के लिए शुरू होनेवाले डायल 112 में जिम्मेदारी संभालने को महिला सिपाहियों का चयन कर लिया गया है। तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा साक्षात्कार के बाद चयनित 86 महिला सिपाही विभिन्न जिला बलों की हैं। इन्हें डायल 112 के कमांड सेंटर में कॉल रिस्पांस एसोसिएट की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस महत्वपूर्ण जवाबदेही को संभालने से पहले इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

तीन दिनों के इस प्रशिक्षण शिविर में 30-30 के बैच में इन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। आखिरी बैच 26 महिला सिपाहियों का होगा। डायल 112 काल सेंटर में महिला सिपाहियों को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) के तहत आने वाली फोन काल को अटेंड करने और उसकी सूचना आगे संबंधित विभाग तक पहुंचाने की जवाबदेही होगी। डायल 112 के लिए चुनी गईं 86 महिला सिपाहियों में सर्वाधिक 14 पटना जिला पुलिस की हैं। इसके अलावा वैशाली व बेतिया से 7-7, जमुई और जहानाबाद जिला बल से 5-5 महिला सिपाहियों का चयन किया गया है।

इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम में कॉल रिस्पांस एसोसिएट की जिम्मेदारी बिहार पुलिस की तेज-तर्रार महिला सिपाहियों को दी जानी है। पिछले दिनों इसके लिए आवेदन मांगा गया था। इच्छुक महिला सिपाहियों का चयन पुलिस मुख्यालय के आदेश पर बनी तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा की गई है। विशेष सशस्त्रत्त् पुलिस के आईजी एमआर नायक की अध्यक्षता में बनी स्क्रीनिंग कमेटी ने पिछले दिनों इसके लिए साक्षात्कार आयोजित किया था।

पुलिस मुख्यालय ने डायल 112 के कमांड और कंट्रोल सेंटर के लिए इंसिडेंट रिस्पांस अफसर, डिस्पैच अफसर और कॉल रिस्पांस एसोसिएट के पदों के लिए इच्छुक पुलिस अधिकारियों और जवानों से आवेदन मांगा था। इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। वैसे पुलिस अफसर और जवान ही इसके लिए आवेदन कर सकते थे जिनकी सेवा पुलिस में कम से कम 5 वर्ष की हो चुकी है। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक होनी चाहिए और कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी होनी भी जरूरी है। वहीं पुलिस अफसर या जवान की उम्र 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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