BIHAR को ऐसे ही जुगाड़ का प्रदेश नहीं कहा जाता है। यहां कम सुविधा में बड़े में बड़ा काम करने का जुगाड़ किसी ना किसी तरीके से बैठ ही जाता है। यहां तक की स्वास्थ्य के मामले में भी यहां की स्थिति ज्यादा अलग नहीं है। बिहार में कई ऐसे इलाके हैं, जहां झोला छाप डॉक्टर अपनी जुगाड़ के साथ बड़ा से बड़ा सर्जरी भी कर डालता है। और जब गलती से वीडियो वायरल हो जाये, तब जाकर सरकारी महकमा एक्टिव होती है, रिपोर्ट बनाती है, फिर फाइल बंद। उसके बाद ऐसी ही अगली वीडियो के वायरल होने का इंतजार।
इसका ताजा उदाहरण अरवल जिले के करपी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का वायरल वीडियो है। जिसमें झोलाछाप डॉक्टर लोग खुले में महिलाओं की नसबंदी कर रहे हैं। करपी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कैंप लगाकर 30 महिलाओं की नसबंदी की गई थी। इसे लेकर एक सर्जन की नियुक्ति की गई थी। निजी नर्सिंग होम चलाने वाले एक झोलाछाप डॉक्टर को भी बुला लिया गया। उसने 10 महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन का वीडियो भी वहां मौजूद मरीज के परिजनों ने बना लिया।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद प्रशासन जागा और जांच कराई गई। जांच में भी गड़बड़ियां सामने आई हैं। डीएम ने पूरी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दिया है। लालू की बेटी रोहिणी ने भी इस वीडियो को रिट्वीट किया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि ऑपरेशन थिएटर बिल्कुल खुला हुआ है। किसी तरह की प्राइवेसी नहीं है और महिलाओं का ऑपरेशन किया जा रहा है। ऑपरेशन करने वाला बाहर निकलता है और बताता है कि लगभग 20 से अधिक लोगों का अभी ऑपरेशन होना बाकी है। अब तक हमने 10 से अधिक लोगों का ऑपरेशन कर दिया।
मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वीडियो सामने आते ही डीएम जे प्रियदर्शनी ने जांच कराई। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज दुर्भाग्यपूर्ण है। डीएम के अनुसार जांच के लिए बनाई गई टीम की रिपोर्ट आ गई है। आरोप सही पाए गए हैं। कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है।