बिहार के अरवल जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां एक तरफ बिहार के हर जिले में दशहरे की धूम मची हुई है वहीं दूसरी ओर अरवल जिले में दशहरा मेला घूमने आए लोगों में से कुछ की तबीयत काफी बिगड़ गई है और दो लोगों की मौत भी हो गई है। बिहार के अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र के रोहाई गांव में फूड प्वाइजनिंग से करीब 15 लोग बीमार हो गए हैं। 4 अक्टूबर मंगलवार की शाम दशहरा मेला मेला की दुकानों में खाना खाने से अचानक लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी।
मेले में लगे दुकानों के खानपान से लोगों की तबीयत बिगड़ता देख ग्रामीणों के सहयोग से अरवल सदर अस्पताल में लोगों को भर्ती कराया गया। फूड प्वाइजनिंग से तबीयत खराब होने वालों में से 9 बच्चे हैं। सभी लोग करपी थाना क्षेत्र के केश्वर बीगहा, बाजीतपुर और 12 गांव के रहने वाले लोग हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक आसपास के गांव के बच्चे दुर्गा पूजा में मेला घूमने आए हुए थे। और इसी दौरान मेला घूमते वक्त उन्होंने बाजार में ब्रेड और मिठाई खाई थी। और फिर मेला घूमने और खाने पीने के बाद भी घर लौट गए थे।
फिर मंगलवार की देर रात है बारी-बारी से सभी बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद सभी बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों द्वारा सभी बच्चों का इलाज किया जा रहा है। वहीं एक तरफ दशहरा की धूम मातम में बदल गई है। अरवल के इटावा गांव निवासी बाबूलाल बिंद और उसके बेटे कल्लू कुमार की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है। लोगों ने बताया कि बाबूलाल बद मंगलवार को काम करने के लिए बैदराबाद बाजार में गया। जहां उसने ही खाई थी और घर में आकर सो गया था। देर रात अचानक तबीयत बिगड़ी और घर पर ही बाबूलाल बिंद की मौत हो गई। लोगों ने बाबूलाल के मौत पर फ़ूड पोइज़निंग की आशंका जताई है। और बाबूलाल बिंद के बेटे को बेहोशी की हालत में सदर अस्पताल ले जाया गया था।
जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे में फ़ूड पोइज़निंग का कोई लक्षण नहीं था। जिसके बाद ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने गांव पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया है। पोस्टमार्टम के बाद खुलासा हुआ कि बाप बेटे की मौत फूड प्वाइजनिंग से हुई है या फिर कोई अन्य कारण है।