दिसंबर में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए बिहार में कई पाबंदियां लगा दी गयी थी। जिसके बाद कोरोना के मामले राज्य में घटने लगे। और इसी घटते हुए मामले को देखते हुए बिहार कोरोना की सख्ती में छूट दे दी गयी। लेकिन छूठ देते ही कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। महज 3 दिनों में ही संक्रमण के नए मामले 235 से 281 हो गए हैं।
इसके पहले कोरोना संक्रमितों की रफ्तार घटते क्रम में थी, लेकिन अब फिर बढ़ने लगी है। स्कूल और मंदिर और सिनेमा घर के साथ अन्य मनोरंजन के स्थान खुलने के बाद यह स्थिति बनती जा रही है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार बता रही है कि लोग कोविड प्रोटोकाॅल को लेकर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिस कारण नए संक्रमण के मामले में बिहार देश में 25वें नंबर से 23वें नंबर पर आ गया है।
बता दें कि कोरोना शुरू से ही धीमी रफ़्तार से शुरू हो कर अपनी तफ्तार को बढ़ता है। कोरोना की पहली लहर हो, दूसरी हो या फिर तीसरी लहर हो, कोरोना अपनी रफ्तार को तेजी से बढ़ता है। दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह से केस बढ़ना शुरु हुआ था और देखते ही देखते अचानक से स्थिति गंभीर हो गई थी। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले अधिक आए और स्वास्थ्य विभाग ने भी कम्युनिटी स्प्रेड मान लिया।
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए कोरोना की गाइडलाइन जारी कर दी गयी और सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान सहित मंदिर और मनोरंजन के सभी स्थानों को बंद कर दिया गया। लेकिन कोरोना गाइडलाइन का ठीक से पालन होने के कारण संक्रमण के मामले घटने लगे। और बिहार सरकार ने कोरोना मामला 300 के अंदर आते ही फिर 7 फरवरी से सख्ती घटा दी गयी। स्कूल कॉलेज के साथ पार्क और मंदिर के साथ मनोरंजन के साधन तक सामान्य हो गए। इसके बाद अब फिर कोरोना का बढ़ता मामला सताने लगा है।