पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने आयोजन समितियों से छोटे स्तर पर पूजा आयोजित करने की अपील की है ताकि अगर अचानक से कोरोना के मामले बढ़ते है या तीसरी लहर आती है, तो संभावित लॉकडाउन जैसे खतरों को देखते हुए नुकसान ज्यादा ना हो.
कोरोना वायरस संक्रमण के संकट से काफी हद तक उबरने के बाद बिहार की राजधानी पटना में इस बार दुर्गा पूजा पर पंडाल और मूर्तियां प्रतिष्ठापित करने का आदेश जिला प्रशासन ने दे दिया है. हालांकि इसके लिए शर्त भी है. दरअसल पूजा समिति को पंडाल और मूर्ति के लिए जिला प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा. लाइसेंस में इस बार कोविड प्रबंधन के मानकों के अनुपालन की शर्त को भी जोड़ा जाएगा और जिला प्रशासन जब चाहे तब अनुमति को रद्द कर सकता है.
बता दें कि दुर्गा पूजा को शुरू होने में अब 1 महीने का वक्त बचा है. 7 अक्टूबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलने वाले दुर्गा पूजा में इस बार पुरानी रौनक रहेगी या नहीं इसको लेकर संशय है. यह इसलिए भी है क्योंकि सरकार कोई लिखित आदेश दशहरा को लेकर सामने नहीं आयी है. वहीं दूसरी तरफ पूजा समितियों को जिला प्रशासन से पूजा के पहले लाइसेंस लेने के लिए कहा गया है.ऐसे तो हर साल पूजा पंडालों को यह लाइसेंस लेना पड़ता था, लेकिन इस बार कोरोना में गाइडलाइन बदली होगी 30 दिन से कम बचे वक्त के बीच में एक तरफ जहां पूजा पंडालों को समझ में नहीं आ रहा कि तैयारी शुरू करें तो कहां से, वहीं ज्यादातर पूजा समितियां और पंडाल साल 2020 जैसी इस बार भी पूजा आयोजित करेंगे.