बिहार में करीबन 12 फीसद से भी अधिक आबादी की उम्र 60 वर्ष से ज़्यादा है। जिनमे से अधिकतर ज़्यादा उम्र के इंसान को देखने-सुनने की परेशानी, जोड़ों में दर्द, सर्वाइकल की दिक्कत, चर्मरोग की बिमारी और अल्जाइमर जैसे पता नहीं कितनी बीमारियां शिकंजा कसने लगते हैं। जिसे मद्देनज़र रख सरकार और समाज कल्याण विभाग ने मिलकर राज्य के सभी बड़े बुजुर्गो की सुरक्षा हेतु नई योजना बनाई है।
आपको बता दें कि प्रदेश व जिले सभी बड़े-बुजुर्गो के लिए समाज कल्याण विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसके अंतर्गत यह बात वर्णित है कि ‘अगर कोई बीमार बुजुर्ग अकेले किसी घर में पाया जाता है तो उन्हें सरकार द्वारा अस्पताल तक पहुंचाया जाए और उनकी मुफ्त में इलाज भी करवाई जाए।’ विभाग यह भी चाहती है कि सरकार द्वारा राज्य के सभी अस्पतालों में बुजुर्गों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। जानकरी के अनुसार, इस प्रस्ताव को लेकर समाज कल्याण विभाग बहुत ही जल्द स्वास्थ्य मंत्रालय से भी बात करेगी और स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजा जायेगा।
अभी तक सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधित आपातकालीन स्थिति में बुजुर्ग लाभार्थियों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था मौजूद है। वहीं बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को लेकर सरकार पहले से ही तैयार है। और इस योजना के लिए अभी से ही शहर के अधिकतर अस्पतालों में 20 बेड अलग से जोड़े जाएंगे जो केवल बुजुर्गो के इस्तेमाल में आएंगे। इलाज के अलावा बुजुर्गो के लिए अस्पतालों में अलग कियन्तर भी होंगे जहां वह लोग अपनी समस्या लेकर जा सकते है एवं किसी प्रकार की शिकायत करनी हो तो वह भी कर सकते हैं।
•आधुनिक मशीन व एक्सरसाइज तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार के शारीरिक विकार जैसे सेरेब्रल पाल्सी, लकवा, गठिया, जोड़ों व घुटनों कमर दर्द, हड्डियों के टूटने के बाद उत्पन्न जटिलताओं का निदान एवं देखभाल।
•आंखों की जांच के बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को जांचोपरांत चश्मा का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है।
•वृद्धजनों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत बीपीएल धारी वृद्धजनों को मुफ्त श्रवण यंत्र का वितरण।
•आवश्यक कानूनी एवं अन्य प्रकार के परामर्श।
•बुनियाद संजीवनी सेवा यानी मोबाइल थेरैपी वैन के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में कई तरह की सेवाएं