बिहार में सरकारी अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना पड़ेगा। नियम का उलंघन करने ओर विभागीय कार्रवाई होगी। राज्य सरकार के नियम के तहत ‘ग’ श्रेणी तक के अधिकारीयों भर की चल अचल आय का ब्यौरा देना पड़ेगा। प्रतेयक वर्ष फरवरी तक इसे विभाग में जमा करना है। सम्पाती का ब्यौरा न देने वाले कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए पहले तो उनका वेतन रोका जाएगा और फिर भी अगर वे ब्यौरा नहीं देते हैं तो उनपर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने इस विषय में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष के साथ प्रमंडलीय आयुक्त और जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। कहा गया है की प्रत्येक वर्ष 28 से 29 फरवरी तक ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ श्रेणी के सभी अधिकारीयों को और कर्मियों को अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा देने का नियम राज्य सरकार ने बनाया है। लेकिन देखा गया है की कर्मचारी इस नियम को गंभीरता से नहीं लेते और तय सिमा के बाद अपनी संपत्ति का ब्यौरा देते हैं। अब इसको अपराध मानते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
ब्यौरा न सौपने वाले कर्मचारियों का फरवरी महीने का वेतन रोक दिया जाएगा और वेतन का भुगतान तब तक नहीं होगा जब तक कर्मी ब्यौरा नहीं दे देते। ब्यौरा नहीं देने वालों को एक महीने के अंदर कारण बताते हुए ब्यौरा एक महीने के अंदर सौंपने का निर्देश विभाग द्वारा दिया गया है। इसके बाद भी चल-अचल संपत्ति और दायित्वों की विवरणी नहीं सौंपी गई तो विभागीय कार्यवाही शुरू की जाएगी।