Home State बिहार में बदला फसल क्षति मुआवजा का नियम।

बिहार में बदला फसल क्षति मुआवजा का नियम।

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बिहार में नितीश सरकार किसानों की मदद करने में जुटी है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और कृषि विभाग के अधिकारीयों से कहा की “बाढ़ के कारण फसलों की बुवाई न करने को”, “फसल नुक्सान का मामला” माने और ऐसे किसानों की पर्याप्त सहायता करें। सरकार इससे पहले यास तूफ़ान से हुए किसानो के नुक्सान के भरपाई का आदेश दे चुकी है और इससे जुड़े आवेदनों की जांच शुरू हो चुकी है। बात करें अगर मुआवज़े के लिए आवेदन की प्रक्रिया की तो जब सरकार, यास तूफान से हुए नुक्सान का मुआवज़ा बाँट रही थी, तब से अभी तक में आवेदन की प्रक्रिया बदल दी गई है। ऐसा किसानों की सहूलियत को देखते हुए किया गया है।

पहले किसान को खेत में जाकर क्षति वाली फसल के साथ फोटो खीचवानी पड़ती थी लेकिन अब इसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। अब फोटो की जगह कृषि समन्वयक को शपथ पत्र देना होगा जो इस बात का प्रमाण होगा कि जांच में मुआवज़े के लिए किसान की ओर से किया गया दावा सही है। शपथ पत्र पर एडीएम की मुहर के बाद ही किसान को भुगतान किया जा सकेगा। तूफान प्रभावित किसानों को योजना के लाभ के लिए पहले आवेदन करना होगा। इसके लिए कृषि विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी की है| किसान, टोल फ्री नंबर 1800180155 पर फोन कर सकते हैं या जिला कृषि पदाधिकारी से मदद ले सकते हैं। आवेदन के लिए बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर लिंक भी दिया गया है। किस जिले के किस प्रखंड और पंचायतों के किसान पात्र हैं, इसकी सूची भी डीबीटी पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है।

अब बात करते हैं सरकार की ओर से यास तूफान से हुए नुकसान के लिए कितने हेक्टेयर के लिए क्षतिपूर्ती की जाएगी तो आपको बता दें सरकार की ओर से एक किसान को ज्यादा से ज्यादा दो हेक्टेयर के लिए ही क्षतिपूर्ति दी जाएगी। दरअसल, तूफान यास ने 26 से 28 मई के बीच बिहार के 16 जिलों में सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंचाया था। ये जिले हैं पटना, कटिहार, भोजपुर, बक्सर, अररिया, अरवल, पूर्णियां, पश्चिमी चम्पारण, मधेपुरा, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, शेखपुरा, लखीसराय, खगड़िया और सहरसा। आपको बता दें की यास तूफान से करीब 73085.77 हेक्टेयर में 33 फीसदी से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा था।

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